करण वीर मेहरा, अनुपम खेर और सलीम मर्चेंट की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं..

बांट दिया इस धरती को क्या चांद सितारों का होगा नदियों को कुछ नाम दिए बहती धारों का क्या होगा शिव की गंगा भी पानी है आबे जमजम भी पानी है पंडित भी पिए मौला भी पिए तो पानी का मजहब क्या होगा एक है सूरज चांद है एक एक हवा में सांस है सबकी तो पूछो इन फिरका परश्तों से अब हवा भी क्या नहीं चलाओगे नस्लों का जो करे बंटवारा रहबर वो कौम का ढोंगी है सवाल तो बस एक ही है क्या अल्लाह ने मंदिर तोड़ा था या राम ने मस्जिद तोड़ी है.

बांट दिया इस धरती को कोई हिंदू है कोई मुसलमान कोई सिख कोई ईसाई बस सबने इंसान ना होने की कसम खाई पहलगांव में जो निर्दोष लोगों की हत्या हुई है वो इसलिए हुई कि वह हिंदू है और मुस्लिम नहीं क्या यह हथियारे मुस्लिम है नहीं यह टेररिस्ट है क्योंकि इस्लाम ये नहीं सिखाता है कुरान शरीफ में सूर अल बकरा सूर दो आयात 256 में कहा गया है कि धर्म के मामले में कोई जबरदस्ती नहीं है यह कुरान शरीफ में लिखा गया है मुझे शर्म आ रही है एज अ मुस्लिम कि मुझे यह दिन देखना पड़ रहा है कि मेरे निर्दोष हिंदू भाई बहनों को इतनी बेरहमी से मार दिया गया.

सिर्फ इसलिए कि वो हिंदू है कब खत्म होगा यह सब कश्मीर के रहने वाले जो पिछले दो-ती साल से ठीक-ठाक जी रहे थे उनकी जिंदगी में फिर से वही प्रॉब्लम्स समझ नहीं आ रहा कैसे मैं अपना गम और गुस्सा बयां करूं मैं अपना माथा टेक कर दुआ करता हूं जो निर्दोष लोगों ने अपनी जान गवाई है ईश्वर उनके और उनके परिवारों को शक्ति और समृद्धि दे ओम शांति आज जो पहलगाम में हिंदुओं के साथ नरसंहार हुआ है जो 27 हिंदुओं को मारा गया है.

चुन चुनकर उससे मन में दुख तो है ही लेकिन क्रोध और गुस्से की इंतहा की कोई सीमा नहीं है मैंने बहुत जिंदगी में यह सब देखा है कश्मीरी हिंदुओं के साथ ऐसा होते हुए कश्मीर में और कश्मीर फाइल्स उसी की एक हल्की सी कहानी थी जिसे काफी सारे लोगों ने प्रोपोगेंडा बोला था लेकिन अब हिंदुस्तान से आए अलग-अलग इलाकों से कश्मीर में छुट्टियां बिता रहे अपने बच्चों के साथ अपने परिवार वालों के साथ उन्हें चुनकर उनका धर्म तय करके पूछकर उन्हें मार देना ये शब्द नहीं है कभी-कभी शब्द जो है वो अधूरे और नपुंसक महसूस करते हैं जो आप महसूस कर रहे होते हैं.

नपुंसक शब्द है क्योंकि जो महसूस कर रहे हैं वह बहुत ज्यादा है मैं उस महिला की तस्वीर को भूल नहीं सकता जो अपने पति के शव के साथ पास बैठी है मैं उस पल्लवी जी का इंटरव्यू सुन रहा था जिन्होंने कहा कि मेरे पति को मारा तो मैंने कहा कि मुझे भी मार दो और मेरे बेटे ने कहा कि मुझे भी मार दो लेकिन उन्होंने नहीं किया शायद कोई पैगाम पहुंचाना चाहते थे तो मैं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से और अमित शाह जी से और पूरी सरकार से दरख्वास्त हाथ जोड़कर दरख्वास्त करना चाहता हूं कि इस बार ऐसा सबक सिखाया जाए इन को कि अगले सात जन्म तक ये ऐसी हरकत करने के लायक ना रहे.

बहुत सोचा मैंने कि मैं यह वीडियो बनाऊं इसलिए नहीं कि मैं अपने अपने जज्बात जाहिर नहीं करना चाहता था लेकिन बहुत शब्दों पर मैं नियंत्रण रखना चाहता हूं अपने मर्यादा तोड़ना नहीं चाहता लेकिन आज पूरा दिल कर रहा है गलत है गलत दुनिया के किसी भी इलाके में इस तरह की हरकत गलत है लेकिन हमारे देश में पहलगांव में जो आज हत्याकांड हुआ है बहुत गलत है.

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