इजराइल से लड़ रहे अयातुल्ला खामेनेई की रगों में दौड़ रहा हिंदुस्तानी खून, UP से है रिश्ता!..

जिस ईरान के साथ इजराइल लड़ रहा है खतरनाक जंग उस ईरान के खामने का योगी के यूपी से क्या है रिश्ता? ईरान के सुप्रीम लीडर खामने की जानिए पूरी कुंडली। यहूदी देश, इजराइल और मुस्लिम देश ईरान के बीच जंग कोई नई बात नहीं है। बात जबजब फिलिस्तीन और परमाणु मुद्दे की आती है, इजराइल और ईरान के बीच जंग छिड़ जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ जब इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लाइन का आगाज किया और तेहरान में मौजूद ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया। जिससे बौखलाए ईरान ने भी पूरी ताकत के साथ,

इजराइल पर पलटवार किया और इसी के साथ छिड़ गई इजराइल ईरान के बीच जबरदस्त जंग जिसका अंत फिलहाल अभी नजर नहीं आ रहा है। इजराइल और ईरान के बीच छिड़ी जंग के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा किसी नेता की हो रही है तो वह है ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनी। क्योंकि एक तरफ जहां ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामने अकेले ही इजराइल और अमेरिका के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ भारत से भी उन्हें एक वर्ग का बड़ा समर्थन मिल रहा है क्योंकि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामने का भारत से भी गहरा रिश्ता है। वह,

भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश से। जी हां आपने सही सुना। अयातुल्ला अली खामने ईरान के सुप्रीम लीडर भले ही हो लेकिन उनकी जड़े हिंदुस्तान से जुड़ी है। क्योंकि खामने के दादा परदाता उत्तर प्रदेश के जिला बाराबंकी के एक छोटे से गांव किंतूर के रहने वाले थे। बाराबंकी के सिरोली गौसपुर तहसील क्षेत्र में छोटा सा गांव है किंतूर। खामने के दादा सैयद अहमद मुसावी 1790 में इसी गांव में जन्मे। हिंदुस्तान में पैदा होने की वजह से नाम सैयद अहमद मुसावी हिंदी था। मुसावी अवध के नवाब के साथ 1830 में इराक होते हुए ईरान,

पहुंचे। अंग्रेजी हुकूमत से तंग आकर मुसावी ईरान के खुैनी गांव में बस गए। अहमद मुसावी के घर 1856 में सैयद मुस्तफा मुसावी का जन्म हुआ। मुसावी के बेटे मुस्तफा मुसावी इस्लामी धर्म शास्त्र के बड़े विद्वान थे। 1902 में मुस्तफा मुसावी के घर रुल्ला खुमेनी का जन्म हुआ। रुल्ला खुमेनी ने ही 1979 में इस्लामिक क्रांति की अगुवाई की और इस्लामिक देश ईरान के पहले सुप्रीम लीडर के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। उनके निधन के बाद मौजूद सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने देश की कमान संभाली। जिनका जन्म 1939 में ईरान के मशहद,

में हुआ और उनके पिता सैयद जवाद खामने एक विनम्र धार्मिक विद्वान और भारत में जन्मे सैयद अहमद मुसावी हिंदी के वंशज रहे हैं। हालांकि अली खामने ने अपनी भारतीय विरासत के बारे में शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से बात की हो। लेकिन उनके पूर्वजों की जड़े जरूर भारत से जुड़ी है। ऐसे नेता के बारे में आपका क्या कहना है? अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं.

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