थोड़ा पानी [संगीत] एयर इंडिया के फ्लाइट71 के भयानक हादसे में मारे गए लोगों के परिजन अभी भी इस उम्मीद में अस्पताल के बाहर कतार में खड़े हैं कि शायद एक आखिरी बार अपनों को देख सकें। चार दिन बीत चुके हैं। शव अब परिजनों तक पहुंचाए जा रहे हैं। अहमदाबाद में हुए इस भीषण प्लेन क्रैश में जान गवाने वाले 274 लोगों में से 87 की पहचान हो चुकी है। उनके शव परिजनों को सौंपे जा रहे हैं,
यह वीडियो जब तक आपको पहुंचे तब तक उम्मीद है कि आंकड़ा बढ़ चुका हो। लेकिन दर्द भरा है यह संदेश जो यहां शोकाकुल परिवारों को पार्थिव शरीर के साथ दिया जा रहा है। कहा जा रहा है ताबूत मत खोलना। अंतिम बार अपनों को देखने की इच्छा भी उनसे छीन ली गई है। कई परिवारों ने इस बात में संतोष कर लिया है कि कम से कम वह अपनों को अंतिम विदाई तो दे पाएंगे। अब प्लेन क्रैश में मारे गए लोगों के घर उनके पार्थिव शरीर पहुंचने लगे हैं,
और घरों में पसरा यह मातम और अंतिम विदाई आंखें नम कर देने वाला है। अब तक 47 शव अहमदाबाद, खेड़ा, कोटा, महसाना, भरूच, वड़ोदरा, अरावली, आनंद, जूनागढ़, भावनगर, अमरेली और महीसागर जैसे जिलों में भेजे जा चुके हैं। रविवार को कुछ पीड़ितों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है,
राज्य सरकार की ओर से शव सौंपने के समय परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट, पुलिस जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट जिसमें डीएनए मिलान की पुष्टि होती है और शव से बरामद की गई ज्वेलरी और अन्य सामान सौंपे जा रहे हैं। फिलहाल हर किसी के मन में एक ही बात गूंज रही है,
ताबूत मत खोलना। शायद इसीलिए कि जो कुछ हुआ वो इतना दुखद है। उससे भी ज्यादा पीड़ा उस दृश्य में छुपी है जिसे अब कोई देखना नहीं चाहता। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की बोइंग 7878 ड्रीम लाइनर उड़ान टेक ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई थी,
इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे। इस प्लेन क्रैश में अब तक 274 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस हादसे में केवल एक व्यक्ति की जान बची है जिसका नाम है विश्वास कुमार रमेश जो विमान की सीट नंबर 11 ए पर बैठा था.